बाजार में बिक रहे नकली सैनिटाइजर से रहें सावधान, जानिए कैसे करें सही की पहचान

बाजार में बिक रहे नकली सैनिटाइजर से रहें सावधान, जानिए कैसे करें सही की पहचान

सेहतराग टीम

कोरोना काल में अपनी रक्षा करनी है तो मास्क पहने, लोगों से दूरी बनाकर रहे और हाथों को समय-समय पर सैनिटाइज करते रहे। ये सब करने से कोरोना वायरस से आपकी रक्षा हो सकती है। वहीं जैसे-जैसे इन सब चीजों की डिमांड बढ़ रही है वैसे-वैसे कुछ लोग इसे लेकर भ्रष्टाचार भी करना शुरु कर चुके है। जी हां दरअसल हाथ को लगातार सैनिटाइज करना बेहतर है लेकिन बाजार में कई ऐसे सैनिटाइजर आ रहे हैं जो हमे वायरस से बचाने की बजाए नुकसान पहुंचा रहे है।

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खबर आ रही है कि कई गिरोह काफी विषैले मेथानॉल के प्रयोग से बने हैंड सेनिटाइजर बेच रहे हैं। जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई ने इंटरपोल से मिली जानकारी के आधार पर देश भर में पुलिस और कानून लागू करने वाली एजेंसियों को सतर्क किया है। CBI ने पहली बार अलर्ट जारी कर कहा है कि देश में ऐसे सैनिटाइजर भी बिक रहे हैं, जो खतरनाक हैं। इन सैनिटाइजर्स में मेथानॉलका इस्तेमाल किया जा रहा है, जो काफी विषैला है और मानव शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप सैनिटाइजर खरीदें।

  • जब आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको हाथों में ठंडापन महसूस होता है, साथ ही सैनिटाइजर उड़ जाता है और हाथ सूख जाते हैं। इसमें आइसो प्रोपाइल एल्कोहल और इथाइल एल्कोहल होता है, जिसकी वजह से ये जल्द हवा में उड़ जाता है। सैनिटाइजर में एल्कोहल की मात्रा अलग-अलग होती है। अस्पताल में 70% वाला फैक्ट्री में 90% वाला, जबकि घरों में 50% वाला सैनिटाइजर इस्तेमाल होता है। तीनों ही सैनिटाइजर ठीक हैं। जो सैनिटाइजर हाथों पर लगाते ही उड़ जाए, वो असली है।
  • नकली सैनिटाइजर सूखेगा नहीं और हाथ गीले ही रहेंगे। कई बार हाथों पर मिर्चे भी लगेगी। बहुत जरूरी हो तो आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें वरना हाथों को बार-बार धोएँ।
  • ब्रांडेड सैनिटाइजर ही खरीदें। अगर आप किसी दूसरी कंपनियों का खरीद रहे हैं तो पहले उसकी पूरी डिटेल चेक करें। 99.9% बैक्टीरिया खत्म करने का दावा करने वाले सैनिटाइजर पर लाइसेंस नंबर जरूर देखें। जिस सैनिटाइजर पर लाइसेंस नंबर नहीं हो, उसे नहीं खरीदें।
  • अगर आपको किसी सैनिटाइजर पर शक है तो आप इन नंबर पर 0120-2829040 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  • हैंड सैनिटाइजर में कम से कम 60 फीसदी अल्कोहल की मात्रा होनी चाहिए। ऐसा सैनिटाइजर बीमार होने से रोकने और कीटाणुओं को फैलने से रोकने में कारगर होता है।
  • अल्कोहलयुक्त सैनिटाइजर किसी परिस्थिति में तेजी से हाथों में माइक्रोब्स की संख्या कम कर देता है, लेकिन सैनिटाइजर सभी तरह के कीटाणुओं का सफाया नहीं करता है।

 

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